मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

राजस्व विभाग ने ठाणे जिले के मीरा-भायंदर में एस्टेट इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कब्जा की गई लगभग ८,९९४ .६८ एकड़ सरकारी जमीन को क्लास २ में बदलने का फैसला किया है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं और इस फैसले से नागरिकों को इस जमीन पर निर्माण के लिए ‘अनापत्ति’ प्रमाण पत्र (एनओसी) के नाम पर कंपनी द्वारा लिए जाने वाले किराये से छूट मिलेगी।


इस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा कब्जा की गई लगभग ८ हजार ९९४.६८ एकड़ सरकारी जमीन के अवैध हस्तांतरण के संबंध में एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में नागरिकों ने शिकायत की कि यह कंपनी जमीन की खरीद-फरोख्त और निर्माण के लिए एनओसी के नाम पर मोटी रकम वसूल रही है। वर्ष १९४५ में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने रामचंद्र लक्ष्मण को इस भूमि पर ९९९ वर्षों तक फसल की उपज का एक तिहाई कर के रूप में वसूलने का अधिकार दिया था। स्वतंत्रता के बाद स्वामित्व में कई बदलावों के बाद यह अधिकार ‘एस्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी’ के पास आ गया।
यह कंपनी अभी भी मीरा-भायंदर में लगभग ९० प्रतिशत भूमि पर एनओसी के नाम पर ‘किराया’ वसूल रही थी, जिसके कारण नागरिकों को निर्माण करते समय भारी रकम चुकानी पड़ती थी। राजस्व विभाग के निर्णय से यह भूमि वर्ग २ में परिवर्तित हो जाएगी, जिससे उम्मीद है कि मीरा-भायंदर में भूमि का लेन-देन आसान हो जाएगा। इस बैठक में मीरा-भायंदर के विधायक नरेंद्र मेहता और संयुक्त सचिव (राजस्व) अजीत देशमुख मौजूद थे।