मुंबई नाशिक हाइवे बना दुर्घटनाओ का महामार्ग. 11 महीनों में हुए 37 हादसे . 30 लोगों ने गंवाई जान, 27 लोग हुए घायल.

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मुंबई वार्ता संवाददाता/ भिवंडी

हाइवे की खराब सड़क पर सुरक्षा का इंतजाम न होने के कारण बढ़ी दुर्घटनाएं .

भिवंडी के अंतर्गत आने वाली मुंबई नाशिक हाइवे इन दिनों दुर्घटनाओं का महामार्ग बन गया है। इस हाइवे पर पिछले 11 महीनों में हुए 37 सड़क हादसों में 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि 27 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

साल 2023 में भी इस मार्ग पर 31 हादसे हुए थे, जिनमें 29 लोगों की मौत हुई थी और 19 लोग घायल हुए थे।स्थानीय लोगों का आरोप है कि हाइवे की खराब सड़क पर सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है।जिसे लेकर लोगों में भय का माहौल व्याप्त है।

◾सुरक्षा के अभाव में बढ़ रहा है हादसा

मुंबई-नाशिक हाइवे को ठाणे तक इन दिनों छह लेन बनाने का काम एमएमआरडीए द्वारा तेजी से किया जा रहा है।साथ ही सड़क के किनारे बने नालों को भी चौड़ा किया जा रहा है।लेकिन एमएमआरडीए द्वारा सड़क पर वाहनों चालको के बचाव व राहगीरों की सुरक्षा हेतु कोई इंतजाम नहीं किया गया है। हमेशा व्यस्त रहने वाले नेशनल हाईवे मुंबई नासिक हाईवे पर न तो सेफ्टी बैरिकेडिंग है और ना ही लाल कलर की इंडिकेटर लाइट लगाया गया है। सड़क पर स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण इस हाइवे पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है।

महामार्ग पुलिस के मुताबिक मुंबई-नासिक राष्ट्रीय महामार्ग पर इस साल जनवरी 2024 से नवंबर 2024 तक सोनाले फाटा से कसारा (लतीफवाडी ) के बीच 71 किमी लंबे मार्ग पर 37 सड़क हादसे हुए है। इन घटनाओं की वजह ,तेज गति के अलावा लापरवाही से ड्राइविंग करना और यातायात नियमों की अनदेखी बताया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण आने वाले समय में भी इस हाइवे पर बढ़ने वाली दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

◾विधानसभा में गूंज चुका है हाइवे पर सुरक्षा की अनदेखी का मुद्दा, फिर भी नहीं हुआ सुधार.

मुंबई नाशिक हाइवे पर बढ़े हादसे को लेकर भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख ने इस हादसे का मुद्दा मानसून अधिवेशन में उठाया था।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह हाइवे मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र का है।बावजूद इसकी हालत खराब है।विधायक शेख ने आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि इस हाइवे पर किसी भी प्रकार के ट्रांसपोर्टिंग की व्यवस्था नहीं है।इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं के बाद भी यहां के इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर तक नही है।जबकि शहर दोनो तरफ हाइवे से घिरा है।

विधायक शेख ने सरकार से उक्त दोनो व्यवस्थाओ को सुचारू करने की मांग की थी।लेकिन वर्षो बिताने के बाद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और हादसों का सिलसिला जारी है।महामार्ग पुलिस विभाग ने यातायात नियमों के पालन के लिए सख्त कदम उठाने और सतर्कता बढ़ाने का आश्वासन दिया है

शरंद ओहोल, सहायक पुलिस आयुक्त, (भिवंडी यातायात विभाग) ने कहा कि,”अभी सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है,सड़क तैयार होने के बाद हादसों पर रोक लग जाएगा।महामार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए जायेगे।साथ ही नियम कानून को तोड़ने वालों पर र्कारवाई किए जाने के साथ सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करके व जागरूकता फैलाकर इन दुर्घटनाओं को कम किया जायेगा।”

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