रवीन्द्र मिश्रा । मुंबई वार्ता

हावड़ा से मुंबई छिवकी प्रयाग राज होकर आने वाली ट्रेन में रेल नीर की कालाबाजारी की जा रही है । इसका खुलासा 18 मई रवीवार को हावड़ा से मुंबई जा रही ट्रेन में हुआ है । S_7 कोच की 28 नंबर सीट पर यात्रा करने वाले एक वरिष्ठ नागरिक ने इसका खुलासा किया है ।
मिर्जापुर से मुंबई सी एस टी यात्रा करने वाले यात्री के अनुसार जैसे ही ट्रेन मिर्जापुर स्टेशन पर रुकी वैसे ही वहां पहले से सायकिल ट्राली पर लाया गया लोकल पानी (Elvish) पेंट्री कार में लादा गया । चूंकि S =7 कोच पेंट्री कार की बगल में था इसलिए सारा नजारा साफ दिखाई पड रहा था । ट्रेन मिर्जापुर से निकल कर विंध्याचल होते हुए छिवकी स्टेशन पर रुकी । मिर्जापुर से यात्रा कर रहे यात्री अपने घर से ही खाने पीने का सामान लेकर आए थे । वह खाना खाकर अपनी सीट पर सो गए । उस समय गर्मी खूब पड़ रही थी । पेंट्री कार के कर्मचारी ब्लू शर्ट जिस पर आई आर सी टी सी लिखा था प्लास्टिक के बोरे में भरकर पानी पानी की आवाज लगाते रेल यात्रियों को पानी बेच रहे थे । गर्मी से बेहाल लोग 20 रुपये में वह लोकल पानी खरीद कर पी रहे थे ।मजे की बात यह कि किसी भी वेंडर के गले में आइडेंटिटी कार्ड भी नहीं था ।


स्टेशन आते रहे जाते रहे । जबलपुर के पास मिर्जापुर से यात्रा कर रहे उस यात्री को प्यास लगी । उसने पेंट्री कार में काम करने वाले कर्मचारी जो उस डिब्बे में पानी बेच रहा था उसे बुला कर कहा कि एक बोतल पानी दीजिए ।उस वेंडर ने मिर्जापुर से लोड किया गया इल्विस पानी की बोतल थमा दिया । पानी खरीदने वाले ने पूछा कि भारत सरकार ने तो रेलवे में सिर्फ रेल नीर ही बेचने की अनुमति दी है ।आप यह बाहर का पानी बेच कर रेल यात्रियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं ? उस वेंडर ने कहा कि हमारे पास तो यही पानी है ।जो 20 रुपए में बिक रहा है । लेना है तो लो नहीं तो हमारा समय बर्बाद मत करो ।अगर रेल नीर ही चाहिए तो आप को पेंट्री कार में जाना पड़ेगा । 20 रुपये में पानी बेचने वाले लड़के ने अपना नाम मनोज उर्फ मोनू बताया ।
जब वह यात्री अपने साथ बैठे सह यात्री को लेकर पेन्ट्री कार में पहुंच कर पूछा कि मैनेजर कहां है ? तो वहां काम कर रहे कर्मचारी ने कहा कि मैं मैनेजर हूं ।जब उससे पूछा गया कि 15 रुपये में बिकने वाला रेल नीर आप का आदमी 20 रुपये में बेच रहा है ।उस यात्री ने उस कथित मैनेजर से शिक़ायत पुस्तिका (कंप्लेंट बुक) की जब मांग की तो उसने कहा कि वह हमारे पास नहीं है । इस बीच एक अन्य आदमी वहां आ गया । उसने पूछा कि क्या बात है ।आप हमें बताइए । यात्रियों ने उससे पूछा आप कौन हैं ? इसके जबाब में उसने अपने आप को पेंट्री कार का मैनेजर बताया । यात्रियों ने कहा जब आप मैनेजर हैं तो यह कौन है ? तो उन्होंने बताया इसका नाम रवि रंजन है ।यह शिफ्ट मैनेजर हैं ।आप का नाम क्या है ? पूछने पर उसने अपना नाम राम विलास बताया ।
राम विलास ने मामले की नजाकत को देखते हुए उस वरिष्ठ नागरिक से 30 रुपया लेकर 2 बोतल पानी दे दिया । उस काका के साथ गये यात्री की शिकायत थी कि आप के सभी कर्मी, मसाला छाछ, लस्सी, शीतल-पेय की बोतलों को छपे हुए भाव से ज्यादा में बेच रहें है । इसी तरह की शिकायत अन्य यात्रियों की भी थी । एक यात्री ने जब मैनेजर से आन कैमरा जबाब मांगा तो मैनेजर ने उनसे कैमरा बंद करने का अनुरोध किया । लेकिन तब तक सभी बातें रिकॉर्ड हो चुकी थी ।
अब सवाल यह उठता है कि रेल यात्रियों की शिकायत पर रेल विभाग ऐसे कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करेगा जो रेल यात्रियों से प्रिंट से ज्यादा कीमत लेकर रेल यात्रियों के साथ ठगी करतें हैं तथा रेलवे को बदनाम करने की कोशिश करते हैं ।