मुंबई वार्ता संवाददाता

खरीफ सीज़न से पहले बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिससे वे असमंजस में हैं। एक तरफ़ मॉनसून-पूर्व बारिश ने महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है, तो दूसरी तरफ़ इस बेमौसम बरसात ने रबी सीज़न की धान की फ़सल और सब्ज़ियों की खेती को भारी नुक़सान पहुँचाया है। ऐसे में धान की खरीफ फ़सल का समय नज़दीक आ गया है।
● मॉनसून का ‘लुका-छिपी’ का खेल
हाल ही में मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के राज्य में जल्दी आने की जानकारी दी है। लेकिन पिछले दो सालों से ऐन मॉनसून में वरुण देवता रूठे ही रहे हैं। वहीं, इस साल गर्मियों में भी बेमौसम बारिश जमकर हो रही है। मंगलवार शाम को बिजली कड़कने और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ कुछ समय के लिए मूसलाधार बारिश हुई, जिससे किसानों में दुविधा बढ़ गई है। किसानों को डर है कि अगर मौजूदा बारिश जून में यानी खरीफ सीज़न के मॉनसून में रुक गई, तो उन्हें भारी आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ सकता है। वहीं, अगर जून में भारी बारिश हुई और धान की फ़सल बह गई, तो भी किसानों को भारी नुक़सान होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।


इसी वजह से, मौजूदा हालात में खरीफ सीज़न से पहले किसानों ने बारिश की इस लुका-छिपी को देखते हुए खेत की तैयारी के काम रोक दिए हैं। साथ ही, खेती के काम के लिए मज़दूरों की मज़दूरी बढ़ जाने से भी धान की खेती करने का साहस न करके किसानों ने खेती का प्रतिशत घटा दिया है।
● भिवंडी में धान की खेती का रकबा
भिवंडी तालुका कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भिवंडी तालुका में धान की फ़सल का क्षेत्रफल 16,689 हेक्टेयर है और अभी भी यह उतना ही है। इसमें हल्की धान की खेती 4,172.25 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है, मध्यम धान की खेती 9,178.95 हेक्टेयर क्षेत्र में और भारी धान की खेती 3,334.80 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है। भिवंडी तालुका में कुल नर्सरी क्षेत्र 1,668.90 हेक्टेयर है और कृषि विभाग ने इस साल धान की खेती का प्रतिशत काफ़ी बढ़ने का अनुमान लगाया है।
मौसम विभाग के मॉनसून के अनुमान से किसानों को इस साल अच्छे दिन आने की उम्मीद दिख रही है, लेकिन वास्तव में बारिश कैसी और कितनी होगी, यह देखना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या किसानों को इस साल भी दोबारा बुवाई के संकट का सामना करना पड़ेगा?
● कृषि अधिकारी की सलाह
ज्ञानदेव शिंदे, कृषि अधिकारी, भिवंडी तालुका ने किसानों को सलाह दी है कि मौसम विभाग ने 7 जून को महाराष्ट्र राज्य में मॉनसून का अनुमान लगाया है। इसी के मद्देनज़र धान बीज केंद्रों में बीज उपलब्ध हो गए हैं। विभिन्न प्रकार के धान बीज ख़रीदकर किसान खरीफ सीज़न में धान की खेती शुरू कर सकते हैं।