युति सरकार की भ्रष्टाचार की वजह से ही मुंबई डूबी; गोवंडी, वांद्रे, जुहू इलाके भी जलमग्न, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब? : अतुल लोंढे।

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■ नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने ही मुंबई को अनाथ बना दिया है; आपदा प्रबंधन विभाग और बीएमसी सो रहे थे क्या?

मुंबई वार्ता संवाददाता

मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय दर्जे का शहर है, लेकिन भाजपा-युति सरकार की कुप्रशासन और भ्रष्टाचार की वजह से पहली ही बारिश में पूरा शहर पानी में डूब गया। मौसम विभाग ने पहले से ही भारी बारिश की चेतावनी दी थी, इसके बावजूद आपदा प्रबंधन विभाग या बीएमसी ने कोई भी पूर्व तैयारी क्यों नहीं की? न केवल भूमिगत मेट्रो स्टेशन में पानी घुसा, बल्कि गोवंडी, वांद्रे और जुहू जैसे इलाके भी जलमग्न हो गए। यह सब भाजपा युति सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा है, ऐसा आरोप महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने किया है।

गांधी भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतुल लोंढे ने भाजपा-युति सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे पिछले 10 वर्षों से नगर विकास मंत्री हैं, लेकिन उनके विभाग ने मुंबई की दुर्दशा कर दी है। बारिश ने नगर विकास विभाग की सारी योजनाओं की पोल खोल दी है। सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं है, यह पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूब चुकी है।

लोंढे ने सवाल किया कि जब मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी तो बीएमसी ने समय रहते सूचनाएं क्यों नहीं दीं? SOP (मानक कार्यप्रणाली) का पालन क्यों नहीं किया गया? बारिश सुबह 8 बजे शुरू हुई, लेकिन दोपहर 12 बजे तक प्रशासन क्या सो रहा था?

उन्होंने मेट्रो-3 का जिक्र करते हुए कहा कि जब उसका काम अधूरा है तो उसका उद्घाटन इतनी जल्दी क्यों किया गया? आचार्य अत्रे मेट्रो स्टेशन में पानी घुसा, उसकी जिम्मेदारी किसकी है? मेट्रो स्टेशन की तकनीकी आवश्यकताएं होती हैं – वहां तीन प्रवेश और तीन निकासी द्वार होने चाहिए, लेकिन इस स्टेशन में केवल दो ही द्वार हैं। इन खामियों की जांच किस अधिकारी या सलाहकार ने की थी? क्या किसी को यह जानकारी नहीं थी कि केवल 40 मिमी बारिश में भी मेट्रो स्टेशन में पानी घुस सकता है?

लोंढे ने यह भी आरोप लगाया कि बीएमसी के अधिकारियों को जनता की सेवा के बजाय मंत्रियों के शिष्टाचार कार्यक्रमों में लगाया गया है। आचार्य अत्रे मेट्रो स्टेशन ही नहीं, गोवंडी, जुहू और वांद्रे जैसे इलाकों में भी भारी जलभराव हुआ, लेकिन चर्चा सिर्फ मेट्रो स्टेशन तक सीमित रही। मुंबई डूब गई, लेकिन बीएमसी के अधिकारी, ठेकेदार या नगर विकास विभाग के किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, तो फिर अब तक किसके खिलाफ कार्रवाई हुई? इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे जिम्मेदारी से बच नहीं सकते, उन्हें जवाब देना ही होगा – ऐसा अतुल लोंढे ने कहा।

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