राजस्थान सहित देशभर में रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास और सतत ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देना ही उद्देश्य : मेघराज सिंह।

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■ यूजीपीएफ के चेयरमैन की बीकानेर में प्रेस वार्ता.

बीकानेर।मुंबई वार्ता/संजय जोशी

यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (यूजीपीएफ) के चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल ने साेमवार काे बीकानेर में कहा कि यूजीपीएफ ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से रोजगार, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास को जोड़ने के लिए दो प्रमुख प्रोजेक्ट नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राजस्थान सहित देशभर में रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास और सतत ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देना है।

हाेटल लक्ष्मीनिवास पैलेस में पत्रकार सम्मेलन में राॅयल ने संगठन की सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं और सतत विकास के दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सबसे पहली आवश्यकता रोजगार और दूसरी सबसे बड़ी जरूरत पर्यावरण संरक्षण है। चार एकड़ में एक मेगावाट का सोलर पार्क लगाने पर कम से कम दो एकड़ जमीन पर्यावरण के लिए अतिरिक्त देकर वहां पर्यावरण पार्क विकसित किया जाए। इसमें पेड़ लगाने, तालाब, ओरण, गोचर और पर्यावरण के तमाम घटकों को सम्मिलित किया जाए।

रॉयल ने कहा कि जब तक स्थानीय किसानों व स्थानीय लोगों का फायदा नहीं होगा तब तक बड़ी कंपनियों से कोई फायदे की उम्मीद नहीं है। प्रोजेक्ट के अनुसार यदि कंपनियों को छह हजार की दर से जमीन दी गई है तो यह काम स्थानीय लोगों को दिया जाना चाहिए। साथ ही पवन उर्जा उत्पादन में खाली पड़ी जमीनों को भी इस काम में लिया जाना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय रोजगार का यह प्रोजेक्ट राजस्थान की काया पलट करने वाला है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 45 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

रॉयल ने जयपुर के धुन प्रोजेक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने करके दिखाया है। उन्होंने सूर्यागढ़ के सोलर प्लांट का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें साथ मिलकर ही यह करना होगा और सरकार को यह बात समझानी होगी कि बिना स्थानीय लोगों के विकास के सतत विकास नहीं हो सकेगा।आतिथ्य प्रबंधन में रोजगार की विशेषताएं..मेघराज सिंह रॉयल ने बताया कि एक युवा को दस हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी और गुणवत्तापूर्ण रहने, खाने की सुविधाओं के हिसाब से अप्रेंटिस का प्रोजेक्ट यूजीपीएफ ने शुरु किया हैं और पहले चरण में सौ लोगों को इससे जोड़ा है। उसकी अप्रेंटिस पूरी होने पर उसे पांच लाख चालीस हजार रुपए एकमुश्त फाउण्डेशन की ओर से दिए जाएंगे। यह भी एक प्रोजेक्ट बनाकर सरकार को दिया है कि सरकार तमाम फोर और फाइव स्टार होटल्स में इसी तरह युवाओं को काम सिखाए और पैसा देने की अनिवार्यता लागू करे और इसमें खुद भी सहयोग करे।

उन्होंने कहा कि यदि एक साल में एक लाख युवा इस क्षेत्र में विदेश में काम करते हैं तो भारत में विदेशी पूंजीगत आय बढ़ेगी और यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 36 अरब से अधिक का होगा। सूर्यागढ़, नरेन्द्र भवन होटल्स में यह काम पायलट प्रोजेक्ट पर यूजीपीएफ ने शुरू कर दिया है।

प्रधान सलाहकार विक्रांत सिंह तोमर ने बताया कि यूजीपीएफ का उद्देश्य भारत के प्राचीन दर्शन “वसुधैव कुटुम्बकम्” को आधुनिक “सस्टेनेबल डेवलपमेंट” मॉडल से जोड़ना है। यह पहल केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र ग्रामीण पुनर्निर्माण आंदोलन है, जिसमें रोजगार, शिक्षा, पर्यावरण और संस्कृति यानि चारों स्तंभों पर एक साथ कार्य किया जा रहा है। इस दौरान निदेशक शक्तिसिंह बांदीकुई ने “सर्वे भवंतु सुखिनः” एचआर–सीएसआर सम्मेलन के निष्कर्ष साझा किए।

उन्होंने बताया कि यूजीपीएफ इस प्रस्ताव के पायलट प्रोजेक्ट पर पहले से काम कर रहा है।इस अवसर पर ब्रिगेडियर जितेन्द्र सिंह शेखावत (निदेशक), केके. बोहरा (मीडिया सलाहकार) मुकेश मेघवंशी (प्रबंधक) तथा सुनीता भाटी भी उपस्थित रहे।

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