विक्रमगढ़ में नदी के रास्ते छात्रों का जानलेवा सफर।

Date:

मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के म्हेसे गांव के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को बहती नदी में टायर ट्यूब पर बैठकर स्कूल जाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

हर साल आदिवासी विकास के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन आज भी बच्चों और ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा और पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। नदी पार कर स्कूल पहुंचना कितना सुरक्षित है? यह सवाल उठता है। यह सिर्फ म्हेसे गांव की तस्वीर नहीं है, बल्कि पूरी व्यवस्था को जगाने वाला आईना है। जब आप पाइप पर बैठे इन बच्चों के चेहरे देखते हैं, तो आपको लगता है कि क्या वाकई विकास इन तक पहुंचा है? क्या कोई इस ओर ध्यान देगा? इस स्कूल में जाने वाले बच्चों की मांग है कि स्कूल जाने के लिए एक पुल बनाया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

प्रमुख खबरे

More like this
Related

उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने सत्ता में शामिल होने का दिया प्रस्ताव !

श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस...

नारियल तेल की कीमतों में आई तूफानी बढ़ोतरी।

■ दक्षिण के राज्यों में खाना पकाने के लिए...

काशीमीरा पुलिस ने 12 घंटे के भीतर दो शातिर चैन स्नैचरों को किया गिरफ्तार।

मुंबई वार्ता/शिव पूजन पांडेय मीरा रोड स्थित भक्ति वेदांत...

3 साल की बच्ची का अपहरण और हत्या के मामले का आरोपी 24 घंटों में गिरफ्तार।

श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता मुंबई के एंटॉप हिल पुलिस ने...