संसद को नहीं चलने देने की पूर्व योजना बनाता है विपक्ष: भवानंजी.

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मुंबई वार्ता संवाददाता

मुंबई के पूर्व उपमहापौर और भाजपा के कट्टर हिन्दू वादी नेता बाबू भाई भवानजी से उनके दादर हिन्दू कालोनी स्थित निवास पर देश की राजनीति पर बेबाक बात करते हुए कहा कि, “भवानजी ने देश की संसद ना चलने देने और देश को अलग अलग मुद्दों पर भटकाकर,संसद को ठप्प करने की विपक्ष की योजना की कड़े शब्दों में आलोचना की.

उन्होंने कहा कि, ” आधे अधूरे बयान के हिस्से को प्रचारित कर विपक्ष घटिया एवं सस्ती राजनीति करते हुए देश को गुमराह कर रहा है . बेबुनियाद और भ्रामक मुद्दों को उठाकर देश को कैसे अंधेरे में धकेला जाए बस इसी फिराक में कांग्रेस और पूरा विपक्ष दिन रात लगा है , गृह मंत्री अमित शाह के डाक्टर बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर विपक्ष का हंगामा, तीखी नोकझोक एवं हो हल्ला इस बात का ताजा उदाहरण है*.”

भवानजी ने कहा कि हंगामे का आधार यह है कि गृह मंत्री ने यह कह कर आंबेडकर का अपमान कर दिया कि यदि आंबेडकर आंबेडकर करने वाले इतनी बार अगर भगवान का नाम लिए होते तो उन्हें सात जन्म तक स्वर्ग मिल जाता ,मुश्किल यह है कि हंगामा करने वाले ये स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर ऐसा कहने से बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान कैसे हो गया ? विडंबना देखिए अब तक अपमान करने ,तिरस्कार करने और उनकी उपेक्षा करने वाले एकाएक उनके हिमायती कैसे हो गए .”

भवानजी के मुताबिक पी एम नरेंद्र मोदी और भाजपा ने आंबेडकर की शीर्ष राष्ट्र नायकों में शुमार किया है और उनकी नीतियों , सिद्धांतों एवं मूल्यों को राजनीति का अहम हिस्सा बनाया है . पूर्व उप महापौर ने अपने विचार रखते हुए बताया कि विपक्ष डर रहा है कि भाजपा आंबेडकर को वी पी सिंह के बाद उचित स्थान देकर दलित समाज के हितों की वास्तव में चिंता की है ,जिससे उन्हें लग रहा की दलित वोट भाजपा की ओर जा सकता है . इसलिए विपक्ष अमित शाह के बयान को तोड़मरोड़ कर एवं आधा अधूरा पेश कर बेवजह का हंगामा कर रहा हैं उन्होंने विपक्ष द्वारा दिए गए तर्क को हास्यास्पद बताया.

दरअसल बाबा साहेब मुस्लिम तुष्टिकरण से नाखुश थे .उनका मत था कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ है,इसलिए मुसलमानों को देश छोड़ देना चाहिए ,गांधी और नेहरू ने इस विचारधारा का विरोध किया ,गांधी जी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे ,बाबा साहेब ने गांधी से समझौता कर संविधान को मुसलमानों के अनुरूप बनाया , फिर भी नेहरू बाबा साहेब के खिलाफ लगातार लगे रहे. नेहरू ने बाबा साहेब के खिलाफ अपना उम्मीदवार भी खड़ा किया और चुनाव में उन्हें हराना जारी रक्खा ,इससे नाराज होकर बाबा साहेब ने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था.

इतना ही नहीं बाबा साहेब ने अपने ही लिखे संविधान को जला देने की चेतावनी तक दे डाली थी. उन्होंने कहा था कि संविधान का संचालन गलत हाथों में है.

भवानजी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि,” बाबा साहेब के विचारों से विसंगतियां होने के बावजूद कांग्रेस किस आधार पर संसद में बाबा साहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन करती है और अमित शाह के बयान के एक हिस्से को प्रचारित कर रही है ,कांग्रेस का हंगामा इतना तेज था कि भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर पर चोट लगी ,उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा . घायल सांसद ने राहुल गांधी पर धक्का देने का आरोप लगाया.कांग्रेस भाजपा के लोगों पर बेसिर पैर का आरोप लगाती आई है और अफवाह उड़ाती रहती है.

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