मुंबई वार्ता/शिव पूजन पांडेय/आजमगढ़

आईफोरसी द्वारा नेशनल साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस माह (NCSAM) के अंतर्गत साइबर अपराध से बचाव के लिए जनजागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम व आमजनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थलों जैसे स्कूल, कॉलेज एवं पुस्तकालयों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।


निरीक्षक विभा पांडे ने विद्यार्थियों को डिजीटल अरेस्ट में फर्जी पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी, साइबर पुलिस अधिकारी बनकर पैसे की मांग करना, मोबाइल फोन मे फर्जी एप्प डाउनलोड कराकर या लिंक पर क्लिक कराकर ठगी करना , गिफ्ट / लाटरी के नाम पर स्कैम, सोशल मीडिया (इस्टाग्राम, फेसबुक, एक्स, स्नैपचैट आदि) पर अंजान व्यक्तियों/ महिलाओं से दोस्ती करना, म्यूल अकाउट, फर्जी मोबाइल नम्बर आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। टीम द्वारा थाना साइबर क्राइम पुलिस द्वारा लाउडहेलर चलाकर तथा पम्पलेट वितरण कर प्रचार-प्रसार करते हुए विद्यालय के अध्यापकों व छात्र-छात्राओं को साइबर अपराधों से बचने के लिए जागरूक किया गया।
इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ डॉ. अनिल कुमार के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक यातायात विवेक त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन एवं क्षेत्राधिकारी सदर आस्था जायसवाल के कुशल नेतृत्व में सोमवार को अमर शहीद इन्टर कालेज ईश्वरपुर में साइबर जागरूकता अभियान के तहत साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी गई।


कार्यशाला के दौरान भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 एवं www.cybercrime.gov.in पोर्टल के उपयोग के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत उक्त नंबर या पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर अपराध को रोका जा सकता है।निरीक्षक विभा पांडे ने बताया कि बैंकिंग फ्रॉड, क्यूआर कोड स्कैन कर ठगी, व्हाट्सएप हैकिंग, OLX व KYC आधारित ठगी, फर्जी ऐप्स, ऑनलाइन लोन स्कैम, हनी ट्रैपिंग, ATM व इंटरनेट मीडिया से जुड़ी ठगी, निवेश / गेमिंग ऐप के जरिए धोखाधड़ी व अन्य कंप्यूटर से संबंधित धोखाधड़ी, सेक्सटॉर्शन व न्यूड कॉल ब्लैकमेलिंग की जा रही है, ऐसी चीजों से सावधान रहने की जरूरत है।सेक्सटॉर्शन जैसे मामलों में विशेष सावधानी की सलाह दी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी महिला प्रोफाइल बनाकर सोशल मीडिया (विशेषतः फेसबुक) पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। बाद में व्हाट्सएप नंबर लेकर वीडियो कॉल के माध्यम से अश्लील वीडियो दिखाया जाता है और फिर स्क्रीन रिकॉर्डिंग के माध्यम से ब्लैकमेल कर धन की मांग की जाती है। जनसामान्य को सलाह दी गई कि किसी भी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल न उठाएं, यदि कॉल उठानी हो तो कैमरे पर अंगूठा या कवर रखें, किसी भी प्रकार की ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। इस अवसर पर साइबर क्राइम आजमगढ़ टीम से म.नि. श्रीमती विभा पाण्डेय, उ.नि. कलाप कलाधर त्रिपाठी, का. महिपाल यादव, म.का. संज्ञा देवी शामिल रहीं।



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