मुंबई वार्ता संवाददाता

हिंदू धर्म का महापर्व श्री तुलसी विवाह है, जो दिवाली महापर्व के बाद देवउठी एकादशी से पूनम तक मनाया जाता है।समाज में धर्मनिरपेक्ष विवाह समारोह कार्तिक शुक्ल एकादशी के बाद शुरू होता है।नारी तू नारायणी सुवर्णा महिला संगठन द्वारा 2 नवंबर एकादशी को बोरीवली पश्चिम स्थित सोनीवाड़ी बैंक्वेट हॉल में तुलसी विवाह समारोह का आयोजन किया गया।


एनजीओ की अध्यक्ष नीला कनुभाई राठौड़ सोनी ने बताया कि हम समाज के सभी वर्गों की महिलाओं को तुलसी विवाह समारोह में आमंत्रित करते हैं।हम आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और बहनों को शामिल करते हैं और उनके लिए पूरे दिन की पूजा सामग्री, विष्णु सहस्त्र नाम, होम हवन और सभी प्रकार की पूजा सुविधाएँ संस्था द्वारा बहुत ही मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराई जाती हैं। ताकि वे बिना किसी झिझक के अपना धार्मिक आयोजन मना सकें।
धर्मराज व्रत उज्ज्वला, अखंड अगियारस उज्ज्वला और तुलसी विवाह का यह संपूर्ण कार्यक्रम नारी तू नारायणी सुवर्णा महिला संगठन संस्था के तत्वावधान में 25 वर्षों से निरंतर होता आ रहा है।इसके लिए दानदाता, गणमान्य नागरिक, पूरे दिन के कार्यक्रम का खर्च वहन करने के लिए आगे आते हैं। सनातन धर्म का यह विशेष पर्व अनेक महिलाओं के साथ-साथ उनके घरों तक भी पहुँच रहा है।


नीला कनुभाई राठौड़ ने बताया कि रविवार, 2 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 7:30 बजे तक इस कार्यक्रम में 350 महिला-पुरुषों ने भाग लिया।इस अवसर पर अन्नकूट दर्शन के माध्यम से श्री कृष्णदेव को 56 भोग का प्रसाद अर्पित किया गया।यह अन्नकूट प्रसाद उपस्थित सभी भक्तों में वितरित किया गया।इस समय वातावरण गिरिराज धरण की जय के उद्घोष से गूंज रहा था।
नीला कनुभाई राठौड़ सोनी, हंसाबेन थडेश्वर, मुख्य यजमान तुलसीजी आशा ढाकन, वीणाबेन जागड़ा,मुख्य यजमान ठाकोरजी किन्नरीबेन सागर, रूपाबेन जागड़ा, गीताबेन सागर, भावना चौकसी, धारा सोनी, सोनल सागर, ज्योत्सना जेठवा ने भरपूर मेहनत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।


