श्रीश उपाध्याय/मुंबई वार्ता

मुंबई के घाटकोपर पश्चिम विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार एवं मौजूदा विधायक राम कदम जन समर्थन के मामले में सबसे ताकतवर नजर आ रहे हैं. घाटकोपर पश्चिम विधानसभा के पिछले दो चुनाव पर नजर डालें तो यह बातें स्पष्ट हो जाती हैं.
वर्ष 2014 में इस विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार राम कदम ने 80,343 मत लेकर विजय हासिल की थी. उनके प्रतिद्वंदी शिवसेना के सुधीर मोरे को 38427, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के दिलीप लांडे को 17207, कॉंग्रेस के राम गोविंद यादव को 10071 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हारून खान को 7426 मत मिले थे.
वर्ष 2019 में भाजपा प्रत्याशी राम कदम ने 70263 मत लेकर जीत हासिल की थी. उस समय निर्दलीय उम्मीदवार संजय भालेराव को 41414, मनसे के गणेश चुक्कल को 15019 और कॉंग्रेस उम्मीदवार आनंद शुक्ला को 9313 मत मिले थे.


इन आकड़ों को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट हो जाता है कि वर्ष 2019 में भाजपा- शिवसेना मिलकर चुनाव लडी थी. लेकिन अंदर ही अंदर शिवसेना ने भाजपा के राम कदम को हराने की साजिश रची थी और अपना समर्थन निर्दलीय उम्मीदवार संजय भालेराव को दिया था. तब भी संजय करीब 30,000 मतों से भाजपा के राम कदम से हारे थे.
इस विधानसभा में यदि शिवसेना (उबाठा), कॉंग्रेस मिलकर भी कोशिश करे तो वे 60,000 मतों में सिमटते साफ़ नजर आते है. जबकि राम कदम 70000 से ऊपर ही नजर आते है.


इस चुनाव में राम कदम को हारून खान और शिंदे की शिवसेना का भी समर्थन मिला हुआ है. हारून खान के अनुसार कॉंग्रेस और उबाठा कितनी भी कोशिश कर ले ,उनका जीत तो क्या जीत के अंक के आसपास भी पहुंचना मुश्किल है.
इस चुनाव में घाटकोपर पश्चिम से मनसे ने गणेश चुक्कल को फिर उम्मीदवारी दी है. स्थानीय लोगों के अनुसार गणेश चुक्कल काफी दमखम से चुनाव लड़ रहे है. गणेश जितना जोरशोर से लड़ेगे उतना नुकसान उबाठा का होगा यह भी जगजाहिर है.
ऐसे हालत मे राम कदम वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव की तरह ही 80,000 मतों के आसपास नजर आ रहे हैं. इस राजनीतिक गणित को ध्यान में रखा जाए तो कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा उम्मीदवार एवं मौजूदा विधायक राम कदम करीब 15 से 20 हज़ार मतों से शिवसेना (उबाठा) उम्मीदवार संजय भालेराव को पछाड़ सकते हैं.