■ छत्रपति शिवाजी महाराज के गढ़किलों के इतिहास को सजीव करने का अनोखा प्रयास.
मुंबई वार्ता/हरीशचंद्र पाठक

घाटकोपर पश्चिम के इंदिरा नगर स्थित शिव छाया कृपा चाल परिसर में शिवाई ग्रुप के 25 उत्साही युवाओं और बच्चों ने सिर्फ चार दिन और तीन रातों की कड़ी मेहनत से मिट्टी का ‘तोरणा किला’ तैयार किया है। दीपावली के अवसर पर यह सुंदर किला इलाके का मुख्य आकर्षण बन गया है।इस उपक्रम के लिए अंकुश उतेकर ने मिट्टी और अन्य आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया।


शिवाई ग्रुप का यह लगातार दूसरा वर्ष है। पिछले वर्ष उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मस्थान ‘शिवनेरी किला’ की प्रतिकृति तैयार की थी।इस वर्ष, शिवाजी महाराज द्वारा कम उम्र में जीता गया पहला किला ‘तोरणा गढ़’ प्रेरणा स्रोत के रूप में चुना गया।
अंकुश उतेकर ने बताया, “इस पहल का उद्देश्य बच्चों को छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम, दूरदृष्टि और गढ़किलों के ऐतिहासिक महत्व से परिचित कराना है।”


शिवाई ग्रुप का संकल्प केवल दीपावली तक सीमित नहीं है। समूह ने निश्चय किया है कि वे हर वर्ष एक किले की प्रतिकृति बनाकर शिवनेरी से लेकर शिवाजी महाराज द्वारा जीते गए अंतिम किले तक का पूरा इतिहास साकार करेंगे।



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