सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

शिवसेना विधायकों ने आज विधान भवन क्षेत्र में तख्तियां दिखाते हुए मौन विरोध प्रदर्शन किया और दिशा सालियान मौत मामले की सीबीआई से गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की।

दिशा के पिता ने इस हत्या में कुछ लोगों पर शक जताया है। शिवसेना विधायकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान मांग की कि यह बहुत गंभीर मामला है और दिशा के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।दिशा सालियान के पिता ने हाईकोर्ट का रुख किया है।


इस मामले में पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर का नाम सामने आ रहा है। शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या किसी ने सालियान परिवार को परेशान किया या उन पर दबाव डाला। इस मामले को कोई राजनीतिक रंग नहीं दिया गया है। पांच साल तक न्याय न मिलने पर सालियान के पिता कोर्ट चले गए। कायंदे ने कहा कि दिशा के पिता को संदेह है कि यह एक हत्या थी, एक व्यक्ति का शरीर 14 वीं मंजिल से गिरता है, लेकिन फिर भी उस व्यक्ति के शरीर पर एक भी चोट नहीं होती है, सिर पर भी नहीं, तो ऐसा कैसे हो सकता है? इस पर विचार किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “अगर कोई शव 14वीं मंजिल से गिरता है तो वह कैसे साफ रह सकता है?” इस पर कई सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी आरोपों की जांच होनी चाहिए।हमने किसी पर आरोप नहीं लगाया है, लेकिन दिशा के पिता ने कुछ लोगों पर शक जताया है। इसके पीछे कुछ कारण या जानकारी अवश्य होगी। पहले से कुछ पृष्ठभूमि होगी। हम तो बस इतना ही कह रहे हैं कि उस बदकिस्मत पिता को न्याय मिलना चाहिए।
विधायक डॉ. मनीषा ने मांग की कि मामले को पुनः सीबीआई को सौंपा जाए तथा नए सिरे से जांच कराई जाए। कायांदे द्वारा पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किशोरी पेडनेकर को इन सभी सवालों के जवाब देने होंगे: किसके निर्देश पर उन्होंने युवती के पिता पर दबाव डाला, उन्हें लगातार गलत जानकारी क्यों दी गई, जैसा कि पिता दावा कर रहे हैं, और क्या उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए निगरानी में रखा गया था कि दिए गए सबूत सच हैं।
दिशा के पिता ने याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस,जांच पूरी करने के लिए नहीं, बल्कि किसी को बचाने और सच्चाई को दबाने के लिए काम कर रही है। उचित फोरेंसिक जांच नहीं की गई और मामले को जल्दबाजी में आत्महत्या घोषित करके सच्चाई को दबाने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी फर्जी बनाई गई और मेडिकल साक्ष्य नष्ट कर दिए गए।
अगर यह सच है तो यह बहुत गंभीर स्थिति है। इससे पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। बेशक, इसके लिए उन पर किसी समान रूप से बड़े व्यक्ति का दबाव होगा, अन्यथा कोई भी ऐसा करने की हिम्मत नहीं करता, ऐसा विधायक डॉ. मनीषा कायंदे ने संदेह व्यक्त किया।