सतीश सोनी/मुंबई वार्ता

तीन लोक के नाथ
सर पर गंगा , गले में नाग , भस्म से करें श्रृंगार, भोले नाथ आपकी कृपा है अपरंपार
भगवान शंकर के अनेक नाम हैं कोई भोलेनाथ कहता है , कोई आशुतोष, कोई जटाधारी तो कोई नीलकंठ सबका भक्ति स्वीकारते हैं भगवान बस एक लोटा पानी से प्रसन्न हो जाते हैं ।
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।मुंबई के हीरा व्यापारी ने पांच ज्योतिर्लिंग पॅर अर्पण किया हीरा जड़ित तिलक मुकुट.


उज्जैन, मध्यप्रदेश में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में प्रतिदिन लाखों के संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। वहीं भगवान महाकालेश्वर के दर्शन और पूजन के साथ ही भक्त यहां पर अलग अलग तरह का चढ़ावा भी भगवान महाकाल को चढ़ाते हैं। ऐसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर में मुंबई के हीरा व्यापारी ने भी भगवान महाकाल और पार्वती माता को हीरे जड़ित मुकुट और तिलक चढ़ाया। हीरा व्यापारी का मुंबई में हीरे के आभूषणों का व्यवसाय है। शशिकांत हीरालाल पटेल उनका नाम है, वे खंभात जिला आणंद, गुजरात के मूल निवासी हैं।
उन्होंने हृदय से संकल्प लिया है कि भगवान शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों पर हीरे के मुकुट चढ़ायेगे। यह प्रेरणा उनको शिवजी ने दी है और उसके बाद उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर में हीरे का मुकुट चढ़ाया।
उसके बाद ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, नागेश्वर, सोमनाथ महादेव मंदिर में भी हीरे के मुकुट और तिलक चढ़ाए। इस प्रकार उन्होंने ५ ज्योतिर्लिंग पूर्ण कर लिए हैं। उनको शिव और माता पार्वती की कृपा से यह कार्य पूर्ण करने की शक्ति और आशीर्वाद मिला है। उनका यह मानना है कि शिव कृपा से यह कार्य कर सक रहे हैं। भले ही मेरे पास समय और पैसा नहीं है, किंतु उनको यह उनकी कृपा से मिलता है। उनको यह शुभ कार्य करने करीबियों का सहयोग मिला है। उसके लिए सभी को हृदय से धन्यवाद वे देते हुए आनंद व्यक्त करता है।
सच्च ही कहा गया है हे प्रभु ये तेरा तुझको अर्पण कर रहे हैं, हम में वह शक्ति कहां? ईश्वर की कृपा के बग़ैर एक पत्ता तक नहीं हीलता है तब भला इतना बड़ा काम केवल और केवल भगवान भोलेनाथ की कृपा है।
वो कहेंते है ना की
करते हो काम मेरे भोले बाबा आप
और नाम मेरा हो रहा है।