मुझे फंसाने की साजिश रची गई है, मैं निर्दोष हूँ:- भाजपा मुंबई सचिव संतोष पांडेय

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श्रीश उपाध्याय/ मुंबई वार्ता

बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर लगे ठगी के आरोप पर सफाई देते हुए भाजपा मुंबई सचिव संतोष पांडेय ने कहा कि,” मैं निर्दोष हूँ. मुझे फंसाने की साजिश रची जा रही है .

ज्ञात हो कि विक्रोली पुलिस थाने में अदालती आदेश पर 6 नवंबर 2024 को एफआईआर क्रमांक 591/24 के अंतर्गत जालसाजी का एक मामला दर्ज किया गया है.

शिकायतकर्ता आकाश गागट के अनुसार उनके स्कूल मित्र पवन सिंह के माध्यम से उनकी मुलाकात विवेक सिंह से हुई. विवेक सिंह ने आकाश को भाजपा मुंबई सचिव संतोष पांडेय से मिलाया और संतोष पांडेय का परिचय एक धनाढ्य व्यापारी के रूप में करवाई. विवेक ने उसे संतोष पांडेय के व्यापार में निवेश करने के लिए शुरूवात में रू 3.20 लाख लिए. कुछ महीने बाद लाभ के रूप में 1,o1,500 रू लौटाये. लाभ के रूप में रुपये मिलने से जब आकाश का विवेक पर भरोसा बढ़ा तो विवेक ने आकाश को किसी बैंक में बैंक कर्मचारी या रेल्वे में टिकट कलेक्टर की नौकरी देने का झांसा दिया. इसी झांसे में आकर आकाश ने विवेक के कहे अनुसार विभिन्न बैंक खातों में कुल रू 36, 27,000 ट्रांसफर किए.

बाद में फंसाये जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस थाने में एफआईआर करने पहुँचे. पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो न्यायालय का सहारा लिया. बाद में न्यायालय के निर्देशानुसार उक्त मामले में एफआईआर लेने और मामले की जांच करने का आदेश दिया गया है.


मामले में विवेक सिंह, शैलेश सिंह, विष्णु सिंह, मंगेश सिंह , अनिल चौहान, धनंजय बरनवाल,सुमित शिंदे, अजित चौरसिया, अश्विनी, अमन चौरसिया, अभिषेक सिंह, मनोज सिंह और संतोष पांडेय को आरोपी बनाया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

संतोष पांडेय ने उक्त मामले के बारे में पूछने पर कहा कि, ” एफआईआर दर्ज होने और मुझे आरोपियों में शामिल करने की बात सही है. लेकिन अभी भी पुलिस ने मामले की जांच पूरी नहीं की है. नियमों का पालन करते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है. मुझे या किसी भी अन्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ऐसे हालात मे कुछ खबरचियों ने मुझे दोषी करार दे दिया है. जबकि सच्चाई यह है कि आरोपी आकाश और मेरी कोई मुलाकात हुई हो, यह मुझे याद भी नहीं है. आकाश और मेरे बीच किसी प्रकार के रुपयों का लेनदेन या कोई बातचीत नहीं हुई है.

इस मामले पर जब आकाश और संतोष पांडेय के बीच की कड़ी पवन सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आकाश और संतोष पांडेय को मैंने कभी नहीं मिलवाया है. आकाश झूठा आरोप लगा रहा है. आकाश ने मुझे कुछ रुपये दिए थे जिन्हें मैं बैंक अकाउंट के माध्यम से ही वापस कर चुका हूँ.
(आकाश से बातचीत की रिकॉर्डिंग मुंबई वार्ता के पास मौजूद है).

संतोष पांडेय ने यह भी कहा कि,”जाँच की जिम्मेदारी पुलिस की होती हैं लेकिन कुछ लोग अपने आप को कानून से भी ऊपर समझते हैं. अगर आप एफआईआर को ठीक से पढ़ेंगे तो मालूम होगा कि कहीं भी आकाश ने मेरे ऊपर किसी भी प्रकार के रुपयों के लेनदेन का आरोप तक नहीं लगाया है और ना ही उसने एफआईआर में यह आरोप लगाया है कि मैंने उसे किसी प्रकार का आश्वासन दिया था. मेरा नाम सिर्फ इसलिए आरोपियों में शामिल किया गया है क्योंकि किसी ने आकाश को मेरा नाम लेकर फंसाया होगा. जबकि मुझे इस मामले की जानकारी भी पुलिस से ही मिली थी. मेरे खिलाफ झूठी ख़बरें प्रकाशित कर मुझे बदनाम करने की साजिश रची गई है. मैंने इस संबंध में संबंधित पुलिस को लिखित रूप से अवगत कराया है और संबंधित पत्रकारों की जांच करने की भी गुजारिश की है. “

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