मुंबई वार्ता/सतीश सोनी

सावंतवाड़ी स्थित ऐतिहासिक सिंधुदुर्ग जिला कारागार की सुरक्षा दीवार के गिरने से स्थानीय विरासत को बड़ा झटका लगा है। यह दीवार संस्थान काल में पत्थर और चूने का उपयोग करके बनाई गई थी और उस समय की वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना मानी जाती थी। हालांकि, सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा सीमेंट की परतें लगाकर की गई अनुचित मरम्मत के कारण यह दीवार कमजोर होकर गिर गई।


इस घटना के बाद कैदियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। उन्हें तत्काल सिंधुदुर्ग नगरी ओरस स्थित कारागार में स्थानांतरित किया जा रहा है। इस विषय में कारागार अधीक्षक सतीश कांबले ने मीडिया से बात करने से परहेज किया, जिससे और भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।
कारागार की चारों ओर की दीवारों पर हाल ही में नए निर्माण कार्य किए गए हैं, जिससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बाकी दीवारें भी गिर सकती हैं। स्थानीय नागरिकों ने इस पूरे प्रकरण की गहन जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, भविष्य में ऐसी ऐतिहासिक इमारतों की मरम्मत और संरक्षण के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेकर उचित योजना बनाने की भी अपील की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर सार्वजनिक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।