क्या आपकी मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी वास्तव में आपकी रक्षा कर पाएगी?—भरतकुमार सोलंकी।

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मुंबई वार्ता संवाददाता

आजकल की महंगी मेडिकल सेवाओं के बीच अगर आपकी मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी का कवरेज सिर्फ दस लाख रुपये हैं, तो क्या यह वाकई आपकी सेहत का सुरक्षा कवच हैं या बस एक भ्रम? यह सवाल उठाना जरूरी हैं, क्योंकि अस्पताल आजकल इलाज की दरें तय करते वक्त स्थानीय परिस्थितियों से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मानकों को देख रहे हैं।

ठीक उसी तरह जैसे बिल्डर मुंबई की प्रॉपर्टी की कीमतें तय करने के लिए सिंगापुर, दुबई या न्यू यॉर्क जैसे शहरों से तुलना करते हैं, वैसे ही हॉस्पिटल के मालिक विदेशों में जाकर शोध करते हैं कि वहां इलाज कितना महंगा हैं।परिणामस्वरूप, उनके द्वारा बनाए गए बिल अंतरराष्ट्रीय स्तर के महंगे हो जाते हैं, और आप यह सोचकर बैठे रहते हैं कि आपके पास पर्याप्त बीमा कवरेज है।

सोचिए, अगर आपके पास दस लाख की मेडिक्लेम पॉलिसी है और आपको अचानक से हार्ट अटैक आ जाता है। अस्पताल में भर्ती होते ही प्राथमिक उपचार से लेकर बाईपास सर्जरी तक का खर्च लाखों में पहुंच सकता हैं। ऐसे में आपकी पॉलिसी का कवरेज खत्म होते ही बची हुई रकम आपको अपनी जेब से देनी पड़ेगी। यहां तक कि एक बार अगर आपको कोई गंभीर बीमारी हो गई तो बीमा कंपनी आपकी कवरेज बढ़ाने से मना भी कर सकती हैं। तो फिर यह बीमा किस काम का?महानगरों के निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च अब डॉलर के हिसाब से चलता हैं। डॉक्टरों की टीम, आधुनिक उपकरण, सुविधाएं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेवाएं—इन सबका भुगतान आखिरकार मरीज को ही करना पड़ता है।

ऐसे में अगर आपकी बीमा पॉलिसी लाखों में है और इलाज का खर्च करोड़ों में, तो आपके लिए बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो सकता हैं। क्या आपको लगता हैं कि पॉलिसी होते हुए भी अपनी बचत से लाखों रुपये खर्च करना समझदारी हैं?बाजार के इस नए गणित को समझे।जैसे-जैसे मेडिकल इंफ्लेशन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मेडिक्लेम पॉलिसी की कवरेज भी बढ़ानी चाहिए।

अब समय आ गया हैं कि आप अपनी मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी को लाखों से करोड़ों तक बढ़ाने के बारे में सोचे। आजकल कई बीमा कंपनियां करोड़ों में कवरेज प्रदान कर रही हैं, जो गंभीर बीमारियों के समय आपको वित्तीय सुरक्षा दे सकती हैं।सवाल सिर्फ बीमा खरीदने का नहीं हैं, बल्कि सही कवरेज चुनने का हैं। अगर आज आप सोचते हैं कि ‘इतना काफी है,’ तो कल की जरूरतें आपको गलत साबित कर सकती हैं। क्या आप चाहते हैं कि बीमारी के समय परिवार आर्थिक संकट से गुजरे? या फिर आप पहले से तैयार रहकर अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा का मजबूत कवच देना चाहते हैं?समय बदल रहा हैं और जमाना भी। जो चीजें कल तक विलासिता मानी जाती थी, आज जरूरत बन चुकी हैं।

मुंबई जैसी मल्टीनेशनल सिटी के अस्पतालों में इलाज करवाना हैं तो बीमा भी उसी स्तर का चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि इलाज के समय आपका बीमा पॉलिसी सिर्फ कागज का टुकड़ा न रह जाए, तो इसे समय रहते अपडेट करे। आखिरकार, “बीमा सुरक्षा नहीं, समझदारी है”—इस बात को जितना जल्दी समझेंगे, उतना ही बेहतर होगा।

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