मुंबई वार्ता संवाददाता

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया के लिए इन-हाउस प्रवेश परीक्षा की मांग छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने कुलगुरु से की थी। इस मांग को ठुकराते हुए कुलगुरु प्रो शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा कि ,”जेएनयु विश्वविद्यालय में सीयूईटी प्रवेश प्रक्रिया अधिक लोकतांत्रिक है। इसके अलावा सभी केंद्रों के डीन ने इन-हाउस (स्वयं की) प्रवेश प्रक्रिया के लिए सहमति नहीं दी है।”


कुलगुरु प्रो. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा कि ,” हमने पहले भी छात्रसंघ से मुलाकात की है और जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को लेकर सभी डीन और चेयरपर्सन्स के साथ व्यापक चर्चा की थी। मैंने एक साल पहले सभी डीन से कहा था कि वे लिखित में दें कि उनकी स्कूल या केंद्र जेएनयूईई आयोजित कराने की जिम्मेदारी लेंगे। लेकिन, किसी ने भी लिखित में सहमति नहीं दी। कई डीन ने नेट और सीयूईटी के पक्ष में राय दी। कुलगुरु ने कहा कि सीयूईटी परीक्षा को अधिक लोकतांत्रिक माना गया, क्योंकि इसकी पहुंच व्यापक है और इसमें आरक्षित श्रेणी के छात्रों का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है।:
छात्र संघ को दिए जवाब में उन्होंने कहा, डीन आफ एडमिशन ने आपके साथ तथ्य, आंकड़े और डेटा साझा कर समझाया कि सीयूईट अधिक समान अवसर देने वाली परीक्षा है।उन्होंने छात्रसंघ के एक सदस्य द्वारा अकेले मिलने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा, “आप सभी छात्रों के लिए मिलकर लड़ते हैं, इसलिए जेएनयूएसयू की एकता बनाए रखना जरूरी है। अगर आप पूरी टीम के साथ आएंगे तो मैं आपसे फिर मिलूंगी।”
कुलगुरु ने बताया कि छात्रावासों से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए डीओएस और उनकी टीम से संपर्क किया जा सकता है क्योंकि विश्वविद्यालय में निर्णय प्रक्रिया विकेंद्रीकृत है। आपके मुद्दों पर डीओएस और डीओए और मेरे स्तर पर पहले ही विस्तार से चर्चा हो चुकी है। यदि आप चाहें तो हम फिर से एक बैठक कर सकते हैं।
कुलगुरु के उक्त वक्तव्य के बाद छात्रसंघ ने मिलने की मांग रखी थी। चारों पदाधिकारियों को कुलपति ने एक जुलाई को मिलने का समय दिया था।