माता के जागरण में ‘लक्खा’ के सुरों ने बांधा समां; भजन पर झूमने-नाचने को मजबूर हुए भक्त।

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राजेश जायसवाल / मुंबई वार्ता

जब बात माता रानी के भजनों की हो तो एक नाम जो हर भक्त की जुबान पर बरबस ही आ जाता है, और वह है ‘लखबीर सिंह लक्खा’। एक ऐसा भी समय रहा, जब हर घर में सुबह की शुरुआत लखबीर सिंह लक्खा के भजनों से होती थी। ‘प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी’ और ‘बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ’, ‘बिगड़ी तेरी बात बनेगी’, ‘माँ की महिमा गा के देख’, ‘खुशियो से भर जाएगा’, ‘तू झोली तो फैलाके देख’ जैसे उनके कई सुपरहिट भजनों की मधुर धुनें आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं और लोग इन भजनों पर झूमने-नाचने को मजबूर हो जाते हैं।

लक्खा द्वारा गाया गया ये भजन ‘कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम’ सबसे फेमस गाने में से एक है। आज भी इसे सुनते ही ऑडियन्स के अंदर जोश भर जाता है।लखबीर सिंह लक्खा ने अपने ओजस्वी वाणी और भजनों के माध्यम से देश-विदेश में ख्याति अर्जित की है। लखबीर सिंह लक्खा की खासियत यह है कि वह एक सदाबहार और ऑलराउंडर गायक हैं। जहां कई भक्ति गायक केवल एक देवी-देवता के भजनों तक सीमित रहते हैं, वहीं, लक्खा ने माता दुर्गा, भगवान शिव, हनुमान, श्रीकृष्ण, गणेश और खाटू श्याम जैसे सभी देवी-देवताओं के भजनों को अपनी सुरीली आवाजों से भक्ति का ऐसा संगम प्रवाहित किया है जो आज भी सुनने वालों के मन को मंत्रमुग्ध कर देता है।

■ ऐसे हुई भक्ति-भजनों के सफर की शुरुआत

सुप्रसिद्ध गायक लखबीर सिंह लक्खा का जन्म २५ अगस्त १९५० को पंजाब में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश झारखंड के जमशेदपुर में हुई। उनके परिवार में शुरू से ही धार्मिक माहौल रहा और उनके माता-पिता की भक्ति भावना से उन्हें इस राह पर चलने के लिए प्रेरणा मिली। मात्र १५ वर्ष की उम्र में लखबीर सिंह लक्खा ने जमशेदपुर के टाटा नगर गुरुद्वारे में शबद कीर्तन शुरू किया। यहीं से उनके भक्ति संगीत की यात्रा की नींव पड़ी। पंजाबी लहजे में भजनों को गाने की उनकी अनूठी शैली ने उन्हें जल्द ही भक्तों के बीच लोकप्रिय बना दिया। उनके कई सुपरहिट भजनों ने रिकॉर्ड स्थापित किये हैं।

■ उम्र के इस पड़ाव में भी मिल रही मातारानी की कृपा

७४ साल की उम्र में भी लखबीर सिंह लक्खा भक्ति संगीत और ‘सनातन धर्म’ के प्रति उतने ही समर्पित हैं, जितने वह अपने करियर के शुरुआती दिनों में थे। शुक्रवार को मुंबई के सहारा स्टार होटल में उद्योगपति राजदीप गुप्ता द्वारा आयोजित १८वें माता रानी के जागरण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि वह भजन गायन में ५३ साल पूरे कर चुके हैं और अब भी नए भजनों पर काम कर रहे हैं। आज भी वे भजन-कीर्तनों और धार्मिक कार्यक्रमों में भक्ति गीतों से समां बांध देते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी लक्खा कई भक्ति एल्बम लॉन्च कर चुके हैं।लखबीर सिंह लक्खा की सोशल मीडिया पर भी काफी मजबूत पकड़ है। उनके आधिकारिक फेसबुक पेज को पांच लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं, जहां वह अपने नए भजनों और कार्यक्रमों की जानकारी साझा करते रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर ढाई लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं, जहां वे अपने जागरण कार्यक्रमों की झलकियां साझा करते हैं।

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