मेंटरिंग भारत का गौरैया बचाओ जागरूकता अभियान।

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शिव पूजन पांडेय/मुंबई वार्ता

मेंटरिंग भारत एवं ज्ञानस्थली फाउंडेशन के तत्वाधान मे आज विश्व गौरैया दिवस 2025: उत्पत्ति, महत्व और परिस्थितिक महत्त्व विषयक एक जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम के सम्बन्ध में सर्वप्रथम अथिति परिचय एवं कार्यक्रम रूप रेखा के सम्बन्ध में जय जगत सेवा आश्रम के मुख्य कार्य पालक अधिकारी अमित परमार द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में शहरी और ग्रामीण इलाकों में कभी आम रही गौरैया, प्रदूषण, आवास की कमी और शहरीकरण के कारण घटती आबादी का सामना कर रही है ।

आज के इस कार्यक्रम विश्व गौरैया दिवस 2025, जिसका थीम *आई लव स्पैरो* है में गौरैया बचाओ जनजागरूकता अभियान के माध्यम से उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

जनजागरूकता कार्यक्रम की मुख्य अथिति एवं मुख्य वक्ता अलका प्रकाश के द्वारा विस्तार से बताया कि गौरैया कभी हमारे घरों, बगीचों और गलियों में आम दृश्य हुआ करती थी, जो अपनी खुशनुमा चहचहाहट से हवा को भर देती थी। हालाँकि, प्रदूषण, हरियाली के खत्म होने और आधुनिक निर्माण के कारण उनकी संख्या कम होती जा रही है। 20 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व गौरैया दिवस उनके महत्व और उनकी सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व गौरैया दिवस 2025 का थीम है “आई लव स्पैरो” इस उम्मीद से प्रेरित है कि अधिक से अधिक लोग गौरैया के साथ अपने रिश्ते को संजोएंगे और उसका जश्न मनाएंगे। आज आवश्यकता है कि पर्यावरण प्रेमी एवं हम लोगों को इन छोटे पक्षियों की देखभाल करने और पेड़ लगाने, भोजन उपलब्ध कराने और सुरक्षित घोंसले बनाने जैसे सरल कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। एक साथ काम करके, हम गौरैया को वापस लाने में मदद कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे हमारे जीवन का हिस्सा बने रहें।

ज्ञानस्थली फाउंडेशन के दाना पानी कटोरा जैसे वृहद कार्यक्रम जिसके पोस्टर का विमोचन जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के द्वारा चित्रकूट में विगत वर्ष में किया था के द्वारा काफी लम्बे समय से पशु पक्षी के दाने पानी एवं भोजन का प्रबंध किया जा रहा है जिसके लिए श्रीमती सुषमा पांडे, विनय कुमार, संगीता आदि विशेष धन्यवाद के पात्र है। हाल के वर्षों में, शहरी और ग्रामीण दोनों ही परिदृश्यों में घरेलू गौरैया की आबादी में गिरावट आई है। यह गिरावट पर्यावरण क्षरण का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए संभावित जोखिमों को उजागर करती है। एक प्रमुख चिंता माइक्रोवेव विकिरण और अन्य पर्यावरणीय परिवर्तनों का बढ़ता स्तर है जो इन पक्षियों की घटती संख्या में योगदान दे सकते हैं। यह समझना कि उनके अस्तित्व को क्या प्रभावित कर रहा है, मानव जीवन सहित व्यापक पारिस्थितिक प्रभावों के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।

जाने माने पर्यावरणविद एवं संरक्षक डॉ ज्ञान प्रकश के द्वारा अपना रिकार्डेड सन्देश में कहा गया कि घरेलू गौरैया, खास तौर पर आम प्रजाति, लंबे समय से मानव बस्तियों में एक परिचित उपस्थिति रही है और सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पक्षियों में से एक है। सदियों से, इसने हमारे साथ अनुकूलन किया है, और दुनिया भर के कई क्षेत्रों में पनपना जारी रखा है। यधपि विगत के वर्षों में, शहरी और ग्रामीण दोनों ही परिदृश्यों में घरेलू गौरैया की आबादी में गिरावट आई है। यह गिरावट पर्यावरण क्षरण का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए संभावित जोखिमों को उजागर करती है। एक प्रमुख चिंता माइक्रोवेव विकिरण और अन्य पर्यावरणीय परिवर्तनों का बढ़ता स्तर है जो इन पक्षियों की घटती संख्या में योगदान दे सकते हैं। यह समझना कि उनके अस्तित्व को क्या प्रभावित कर रहा है, मानव जीवन सहित व्यापक पारिस्थितिक प्रभावों के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। पेड़ लगाना, कीटनाशकों का उपयोग कम करना और घोंसले बनाने की जगह बनाना जैसे सरल कदम उनकी संख्या को बहाल करने और जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद कर सकते हैं।

ज्ञानस्थली फाउंडेशन की ट्रस्टी सुषमा देवी द्वारा बताया गया कि विश्व गौरैया दिवस का उद्देश्य गौरैया संरक्षण और शहरी जैव विविधता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है । उनकी संस्था की यह पहल दुनिया भर के व्यक्तियों और संगठनों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है जो इन पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के प्रयासों को बढ़ावा देते हैं। इसका उद्देश्य सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना, संरक्षण प्रयासों में अधिक लोगों को शामिल करना और शहरी जैव विविधता को संरक्षित करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करना है। कार्यक्रम में एक मत से जाने माने पर्यावरण संरक्षक , शिक्षाविद एवं कुशल प्रशासनिक अधिकारी डॉ ज्ञान प्रकाश अपर जिलाधिकारी एवं पर्यावरण एवं पशु पक्षी संरक्षक अलका प्रकाश को संयुक्त रूप से पर्यावरण प्रहरी का सम्मान देने का प्रस्ताव पास किया गया यह सम्मन उनको उनके पशु पक्षी प्रेम एवं काफी लम्बे समय से उनके लिए किये जाने वाले कार्यों के लिए दिए जाने का सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया ।

विश्व गौरैया दिवस 2025 मे मुख्य रूप से ज्ञानस्थली इंटरप्राइजेज के विनय कुमार, एजी कम्युनीकेसन के विजय कुमार, ज्ञानस्थली फाउंडेशन, में जय जगत सेवा आश्रम एवं ज्ञानस्थली क्लासेज तथा श्यामा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के सदयों पूजा, मुस्कान , रोली, संतोष कुमार, विनोद कुमार एवं विभिन विद्यालयों के बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मनीषा कुमार द्वारा किया गया ।

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