भरतकुमार सोलंकी/मुंबई वार्ता
आगामी 9 अप्रैल को “विश्व नमोकार महामंत्र दिवस” के रूप में मनाया जा रहा हैं। यह दिवस जैन धर्म के पवित्र और मूल मंत्र “नमोकार महामंत्र” के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक हैं। परंतु, दुर्भाग्यवश कुछ प्रचार माध्यमों में इसे गलत रूप में “विश्व नवकार महामंत्र दिवस” के नाम से प्रचारित किया जा रहा हैं।
यह केवल शब्दों का हेरफेर नहीं हैं, बल्कि एक गहरे आध्यात्मिक अर्थ का अनादर भी हैं। “नमोकार” का अर्थ नमन और श्रद्धा से हैं, जबकि “नवकार” को मात्र नौ के अंक से जोड़कर इसे व्यापारिक गणित का हिस्सा बना देना मंत्र के प्रभाव को कम करने जैसा हैं।
किसी भी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रतीक को व्यापारिक दृष्टिकोण से देखना अनुचित हैं।हम संबंधित संस्थाओं और समाचार माध्यमों से आग्रह करते हैं कि वे इस त्रुटि को सुधारें और “विश्व नमोकार महामंत्र दिवस” को उसके असली अर्थ में प्रस्तुत करे। साथ ही, हम समाज से अपील करते हैं कि इस संदेश को अपने समूहों में साझा करे और नमोकार महामंत्र की पवित्रता को सुरक्षित रखें।